इंग्लैंड दौरा 2025: 1996 की यादें, वापसी की कहानियाँ और नंबर 3 की चिंता | इंग्लैंड दौरा 2025: 1996 की यादें, वापसी की कहानियाँ और नंबर 3 की चिंता | Team India England Tour Analysis

भारत का इंग्लैंड दौरा 2025 चर्चा में है — न सिर्फ मैचों को लेकर, बल्कि टीम चयन और खिलाड़ियों की भूमिका को लेकर भी गहन मंथन हो रहा है। हाल ही में एक क्रिकेट विश्लेषण कार्यक्रम में टीम इंडिया की गेंदबाजी लाइनअप, बल्लेबाजी क्रम, और रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें 1996 की यादें भी ताज़ा हो गईं।

जब गांगुली-द्रविड़ ने किया था डेब्यू – 1996 की यादें

वक्ता ने भारत के 1996 इंग्लैंड दौरे का ज़िक्र किया जब सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने लॉर्ड्स में डेब्यू किया था। उस दौर में इंग्लैंड की ओर से डोमिनिक कॉर्क, एलन मुलाली और क्रिस लुइस जैसे घातक गेंदबाज भारत की परीक्षा ले रहे थे। आज 2025 में, इतिहास खुद को नए रूप में दोहराता दिख रहा है।

वापसी के किस्से और विरासत की तलाश

इस बार की टीम में कुछ खिलाड़ी 8 साल बाद वापसी कर रहे हैं, तो कुछ युवा खिलाड़ी पहली बार अपनी जगह पक्की करने और भविष्य की विरासत गढ़ने के इरादे से उतरे हैं। चयनकर्ताओं ने टीम को केवल इस सीरीज के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय की रणनीति के तहत चुना है। इसलिए कुछ खिलाड़ियों के चयन को लेकर निराशा की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

बल्लेबाजी पर सवाल – नंबर 3 बना चिंता का कारण

सबसे बड़ी चर्चा रही भारतीय बल्लेबाजी, खासकर नंबर 3 स्लॉट को लेकर।

  • केएल राहुल की निरंतरता और फिटनेस सवालों में है।

  • यशस्वी जायसवाल की प्रतिभा तो साफ है, लेकिन विदेशी पिचों पर उनके प्रदर्शन को लेकर संदेह बना हुआ है।

  • शुभमन गिल, जो अब टीम के कप्तान भी हैं, उनकी फॉर्म और नेतृत्व दोनों की अग्निपरीक्षा है।

    ऋषभ पंत की वापसी – क्या पुराना फॉर्म लौटेगा?

    लंबी चोट के बाद वापसी कर रहे ऋषभ पंत को लेकर टीम में आशाएं और आशंकाएं दोनों हैं। उनके अनुभव से टीम को मजबूती मिलेगी, लेकिन लंबे गैप के बाद टेस्ट फॉर्म में लौटना आसान नहीं होगा।

    इंग्लैंड की गेंदबाजी: अब वैसी धार नहीं

    चर्चा में यह भी कहा गया कि इंग्लैंड की मौजूदा गेंदबाजी पहले जितनी खतरनाक नहीं है। जेम्स एंडरसन के संन्यास के बाद टीम में नए चेहरे हैं, जिनकी निरंतरता पर शक बना हुआ है। भारत के पास यह मोमेंटम बनाने का सुनहरा मौका है।

  • यह इंग्लैंड दौरा सिर्फ एक और टेस्ट सीरीज़ नहीं, बल्कि भारत की टेस्ट रणनीति के पुनर्निर्माण की शुरुआत है। 1996 की तरह, 2025 भी ऐसे खिलाड़ियों को जन्म दे सकता है जो आने वाले दशक तक टीम इंडिया का चेहरा बनेंगे।