Sitare Zameen Par Movie Review:एक बार फिर भावनाओं से भरपूर आमिर खान की वापसी

“तारे ज़मीन पर” के बाद अब आमिर खान लेकर आए हैं “सितारे ज़मीन पर”, एक बार फिर दिल को छू जाने वाली कहानी के साथ। इस फिल्म का निर्देशन किया है आर.एस. प्रसन्ना ने, जो अपनी फिल्म “शुभ मंगल सावधान” के लिए जाने जाते हैं। फिल्म दर्शकों के सामने एक अनोखी और भावुक दुनिया खोलती है, जहां उम्मीदें, चुनौती और आत्मविश्वास का संघर्ष दिखाया गया है।


🎬 कहानी में क्या है खास?

“सितारे ज़मीन पर” एक स्पेशल चिल्ड्रन के इर्द-गिर्द घूमती कहानी है, जो स्पोर्ट्स और आत्म-विश्वास की डगर पर चल रहा है। यह फिल्म न सिर्फ बच्चों की भावनाओं को बल्कि समाज की सोच को भी आईना दिखाती है। आमिर खान ने एक कोच के रूप में भूमिका निभाई है जो इन बच्चों को खेल और जीवन के मायनों को समझाते हैं।


🎭 अभिनय और निर्देशन

  • आमिर खान एक बार फिर अपने शानदार अभिनय से भावनाओं को परदे पर बखूबी उतारते हैं।

  • बच्चों की कास्टिंग बहुत प्रभावशाली है — उनकी मासूमियत और जज़्बा दोनों दिल को छूते हैं।

  • निर्देशक आर.एस. प्रसन्ना ने विषय को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया है। फिल्म का टोन संतुलित है — ना ज़्यादा भावुक, ना ज़्यादा भारी।


🎵 संगीत और सिनेमैटोग्राफी

फिल्म का संगीत कहानी में भावनात्मक गहराई लाता है। कुछ गाने आपको प्रेरित करेंगे, तो कुछ आंखें नम कर देंगे। सिनेमैटोग्राफी भी फिल्म का एक मजबूत पक्ष है — कैमरा बच्चों की दुनिया को नज़दीकी से दिखाता है।


देखें या न देखें?

‘सितारे ज़मीन पर’ एक प्रेरणादायक फिल्म है जो परिवार, शिक्षक और बच्चों सभी को ज़रूर देखनी चाहिए। यह फिल्म मनोरंजन के साथ एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी देती है — हर बच्चा खास होता है, बस उसे समझने की जरूरत होती है।


हमारी रेटिंग: ★★★★☆ (4/5)


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